HAND SANITIZING ALCOHOL GELS
हैण्ड सैनिटाइज़िंग एल्कॉहल जैल
विशेषज्ञों के
अनुसार रोगों से बचने और अन्य लोगों में कीटाणु फैलने से रोकने का सबसे महत्वपूर्ण
उपाय हाथों को स्वच्छ और कीटाणुरहित रखना है। हाथों में लगे कीटाणु खाते समय शरीर
में प्रवेश कर जाते हैं। दूसरों के लिये खाना बनाते समय या परोसते समय कीटाणुयुक्त
हाथ कीटाणुओं को दूसरों तक पहुँचा देते हैं। इसी प्रकार स्वास्थ्यकर्मियों के
हाथों के कीटाणु अन्य रोगियों तक पहुँचते हैं। खाद्य व पेय पदार्थों का निर्माण
करने वाले उद्योगों के कर्मचारियों के हाथों में लगे हुए कीटाणु बनाये जाने वाले
खाद्य पदार्थों में प्रवेश कर जाते हैं। इस स्थिति से बचने के लिये सबसे अच्छा
उपाय है कि हाथों को साबुन और चलते हुए स्वच्छ जल में कम से कम 20 सैकण्ड तक धोया
जाए। शोधकर्ताओं के अनुसार बिना साबुन के केवल चलते हुए स्वच्छ जल में हाथ धोने पर
भी 96%
तक कीटाणु हाथों से दूर हो
जाते हैं। साबुन के प्रयोग से 99% तक कीटाणु नष्ट हो जाते
हैं।
आजकल ट्रेनों,
रेस्टोरेंटों और कार्यालयों में एक प्रवृत्ति देखने में आ रही है कि लोग कुछ खाने
से पहले एल्कॉहल से बने हुए हैण्ड सेनिटाइजर हाथों पर चुपड़ कर खाना खाने लगे हैं।
किसी ने बताया कि विद्यालयों में भी बच्चों को हैण्ड सेनिटाईज़र प्रयोग करने के
लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। हैण्ड सेनिटाईज़र का प्रयोग हाथ धोने के स्थान
पर किया जा रहा है। मेरे विचार से यह चलन उचित नहीं है। हाथ धोने से कीटाणु व मैल
हाथ से उतर जाते हैं, जबकि हैण्ड सेनिटाईज़र के प्रयोग से कीटाणु मर भले ही जाएँ
लेकिन रहते हाथ पर ही हैं। हाथ धोने के बाद यदि हैण्ड सेनिटाईज़र का प्रयोग
अतिरिक्त सुरक्षा की दृष्टि से किया जाए तो अधिक उचित होगा।
प्रायः बच्चे
अज्ञानता या अनिच्छा के कारण और व्यस्क समय की कमी में हाथों को ठीक से नहीं धो
पाते। यदि किसी कारण से साबुन व स्वच्छ जल उपलब्ध न हो या जल्दबाजी के कारण उपयोग
संभव न हो तो एल्कॉहल आधारित हैण्ड सेनिटाईज़र काफी हद तक त्वचा के कीटाणुओं को
तेजी से कम कर सकता है। यद्यपि शोधकर्ताओं के लिये यह आश्चर्यजनक बात थी कि Norwalk virus ( एक विषाणु जिससे संक्रमित होने से पेट और बड़ी आँत में सूजन होती है)
साधारण जल से हाथ धोने पर 96% नष्ट हो गए, Antibacterial
soap से हाथ धोने पर 88% कम हुए, जबकि एल्कॉहल
आधारित हैण्ड सेनिटाईज़र से केवल 50% कीटाणु कम हुए। हैण्ड
सेनिटाईज़र अधिक प्रभावी न होने के बावजूद भी लोकप्रिय हो रहे हैं, क्योंकि ये
प्रयोग करने में सुविधाजनक हैं और हाथ धोने के समान इसमें हाथ पोंछने या सुखाने की
आवश्यकता नहीं होती। इसलिये एल्कॉहल आधारित हैण्ड सेनिटाईज़र का प्रयोग अस्पतालों
व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में, कार्यस्थलों पर, कारखानों में, यात्रा में, और घरों
पर बढ़ता जा रहा है।
दिनोंदिन बढते
हुए चलन व उपयोग के कारण बढ़ती हुई मांग के दृष्टिगत यदि कोई व्यक्ति एल्कॉहल
आधारित हैण्ड सेनिटाईज़र का निर्माण करके व्यापार करना चाहे तो, इसका निर्माण बड़ा
ही सरल है। इसके निर्माण में कोई बहुत विशेष और अधिक मशीनरी की आवश्यकता नहीं है।
छोटे से स्तर व छोटी पूँजी में यह व्यापार प्रारम्भ किया जा सकता है। अभी इस काम में कोई अधिक प्रतियोगिता न होने के
कारण लाभ भी अच्छा है।
इसके निर्माण
में ethanol (ethyl alcohol), isopropanol (isopropyl alcohol), n-propanol (propyl alcohol) में से किसी एक
एल्कॉहल का प्रयोग किया जाता है। Ethyl Alcohol के
कीटाणुनाशक गुण Isopropyl Alcohol से अधिक अच्छे होते हैं,
लेकिन Isopropyl Alcohol का प्रयोग अधिक किया जाता है
क्योंकि यह सरलता से बिना किसी लाइसेंस के प्राप्त किया जा सकता है। सैनीटाईज़र में 60-90% तक
एल्कॉहल का प्रयोग सबसे अधिक प्रभावी कीटाणुनाशक होता है। एल्कॉहाल हैण्ड
सेनिटाइज़र तेजी से कीटाणुओं को समाप्त करते हैं किन्तु अधिक देर तक प्रभावी नहीं
होते क्योंकि एल्कॉहल जल्दी उड़ जाता है। एल्कॉहल का उड़ना कम करने के लिये कुछ
अन्य पदार्थ सैनिटाइज़र में मिलाये जा सकते हैं लेकिन फिर भी एल्कॉहल उड़ता ही है।
एल्कॉहल कुछ किटाणुओं को बड़ी तेजी से समाप्त करता है लेकिन सभी को नहीं। जिन
वायरसों पर एल्कॉहल प्रभावी नहीं है उनके लिये एल्कॉहल में अन्य कीटाणुनाशक मिलाये
जा सकते हैं। सैनिटाइज़र में एल्कॉहल की मात्रा जितनी अधिक होती है कीटाणुनाशक गुण
उतने ही अच्छे होते हैं। लेकिन अधिक एल्कॉहल त्वचा पर बुरा प्रभाव डालता है।
यदि एल्कॉहल
में अतिरिक्त कीटाणुनाशक मिलाने हों तो Benzalkonium chloride, benzethonium
chloride, methylbenzethonium chloride, hexylresorcinol, chlorhexidine
gluconate, para-chloro-meta-xylenol, chloroxylenol, hexachlorophene, iodine tincture,
povidone-iodine complex, phenol, triclocarban, triclosan आदि
मिलाए जा सकते हैं। इनमें से chlorhexidine gluconate, triclosan, Benzalkonium chloride का प्रयोग सर्वाधिक किया
जाता है।
एल्कॉहल और जल
का मिश्रण बहुत पतला होता है। इसे गाढा करने के लिये thickener मिलाये जाते हैं जिससे यह जैल (Gel) जैसा गाढा हो
जाता है। जैल बनने पर एल्कॉहल का उड़ना कम हो जाता है तथा टपकने का स्वभाव समाप्त
हो जाता है। जैल को हाथों पर चुपड़ना भी सरल होता है। इसलिये इन्हें एल्कॉहल जैल
सैनिटाइज़र (Alcohol Gel Sanitizer) भी कहा जाता है। हाथों
में लेकर दोनों हाथों के बीच में रगड़कर चुपड़ा जाता है इसलिये जैल एल्कॉहल रब (Gel
Alcohol Rub) भी कहा जाता है।
जल व एल्कॉहल
के मिश्रण को जैल में परिवर्तित करने के लिये बहुत सारे thickener या gel-forming agents उपलब्ध हैं। जिनमें carboxyvinyl
polymers, hydroxyethylcellulose, methylcellulose, carboxymethylcellulose,
hydroxypropylcellulose आदि। और भी बहुत सारे thickener हैं लेकिन सबसे अधिक प्रयोग में आने वाले हैं carboxyvinyl
polymers जो Carbomer भी कहलाते हैं, और
इन्हें अलग अलग निर्माता विभिन्न नामों से बेचते हैं। भारत में Lubrizol का CARBOPOL 940 के नाम से आने वाला thickener
सरलता से उपलब्ध है जो एल्कॉहल जेल बनाने में प्रयुक्त होता है। Lubrizol
के अतिरिक्त अन्य निर्माताओं जैसे BASF का Rheocare®
HSP-1180, Ashland का Ashland-940 आदि भी प्रयोग किये जा सकते हैं। कुछ भारतीय निर्माता भी Carbomer-940
बना रहे हैं और काफी सस्ता बेच रहे हैं, लेकिन मेरे अनुभव में
क्वालिटी उतनी अच्छी नहीं है। Carbomer का प्रयोग 0.5%
से 3% तक किया जाता है। कार्बोमर जल में थोड़ी
कठिनता के साथ घुलता है, इसलिये इसे जल में घोलने के लिये थोड़े अभ्यास की
आवश्यकता होती है। जल में घोलने के बाद इसे पूरी तरह गाढा करने के लिये कोई क्षारीय
पदार्थ मिला कर उदासीन (Nutralize) करना पड़ता है। (Nutralize)
करने के लिये कोई organic amine प्रयोग किया
जाता है। Organic amines में tetrahydroxypropyl
ethylenediamine, triethanolamine, diethylamine,
triethylamine, diisopropylamine तथा diisopropanolamine आदि का प्रयोग किया जाता है।
त्वचा पर
एल्कॉहल लगाने से त्वचा में सूखापन आ सकता है। इस प्रकार के उत्पादों के निरन्तर
प्रयोग से त्वचा में सूखेपन के अतिरिक्त लाली और त्वचा का फटना जैसी समस्याएँ हो
सकती हैं। इस समस्या के निवारण हेतु सैनिटाइज़र में नमी प्रदायक पदार्थ (moisturizers) और शामक (emollient शांत करने
वाले) पदार्थ मिलाये जाते हैं। इनमें glycerin, sodium hyaluronate,
hyaluronic acid, amino acids, honey, Sorbitol, propylene
glycol, lactic acid, आदि हैं। ग्लिसरीन और प्रोपिलीन ग्लाईकोल का
प्रयोग अधिकतर किया जाता है। इन नमीप्रदायकों का प्रयोग 0.1% से 5% तक की मात्रा में किया जाता है।
इन
सैनीटाइज़रों में कोई मनपसंद सुगन्ध भी मिलाई जा सकती है। सुगंध की मात्रा 0.1% से 3% तक हो सकती है।
अब एल्कॉहल जैल हेण्ड सैनिटाइज़र बनाने के लिये कुछ फार्मूले देखते हैः
Item No
|
Ingredient
Name
|
% wt
|
1
|
Deionized
Water
|
29.00
|
2
|
Carbomer
|
0.24
|
3
|
Glycerine
|
0.70
|
4
|
Ethanol
|
70.00
|
5
|
Triisopropanolamine
|
0.26
|
6
|
Fragrance
|
0.1
|
Total
|
100 parts
|
विधिः ऊपर दिये गए फार्मूले में मात्राएँ प्रतिशत में दी गई हैं। इन्हें
आप ग्राम या किलोग्राम मान कर ले सकते हैं। जल में कार्बोमर पाउडर को मिलाएँ। जल
में पाउडर को मिलाने के लिये जल को किसी बर्तन में ले कर किसी लकड़ी या स्टेनलेस
स्टील के डंडे या बड़े चम्मच से गोलाई में घुमाना शुरू करें। घूमते हुए जल में
कार्बोमर पाउडर को थोडा थोड़ा छिड़क कर डालना शुरू करें। अधिक पाउडर एक बार में न
डालें, अन्यथा गाँठें पड़ जाएँगी और फिर आसानी से घुलेंगी नहीं। अगर पाउडर पूरी
तरह से घुला नहीं है तो इसे एक दिन के लिये इसे इसी अवस्था में छोड़ दें, यह धीरे
धीरे फूल कर घुल जाएगा। पाउडर के अच्छी तरह से घुल जाने पर इसमें ग्लिसरीन और
इथानोल (इथाइल एल्कॉहल) मिलाएँ। फिर इसे कुछ समय के लिये छोड़ दें ताकि हिलाते समय
जो वायु के बुलबुले बने हैं वे निकल जाएँ। फिर इस मिश्रण को धीरे धीरे घुमाते हुए इसमें ट्राईआइसोप्रोपेनोलएमाइन Triisopropanolamine
मिलाएँ। यदि रंग और सुगंध मिलानी हो तो इथानोल में पहले मिलाकर फिर जल और कार्बोमर के
मिश्रण में मिलाएँ। इस फारमूले में आप ग्लिसरीन
के स्थान पर प्रोपीलीन ग्लाईकोल ले (Propylene Glycol) सकते
हैं और इथानोल के स्थान पर आईसोप्रोपाइल एल्कॉहल (Isopropyl Alcohol) (आईसोप्रोपेनोल) भी ले सकतें हैं
या इनका मिश्रण भी ले सकते हैं।
Item No
|
Ingredient
Name
|
% wt
|
1
|
Deionized
Water
|
39
|
2
|
Carbopol®* Ultrez 20 Polymer या Carbopol®* Ultrez 21 Polymer
|
0.25
|
3
|
Propylene
Glycol
|
0.50
|
4
|
Denatured Alcohol
|
60.00
|
5
|
Triisopropanolamine
|
0.25
|
6
|
Fragrance
|
0.1
|
Total
|
100 parts
|
यहाँ डीनेचर्ड एल्कॉहल लिया गया है। यह वही पदार्थ है जिसे डॉक्टर लोग
स्प्रिट के नाम से प्रयोग करते हैं। यह इथानोल ही होता है। Carbopol®* Ultrez कार्बोमर का ही एक ग्रेड है।
Item No
|
Ingredient
Name
|
% wt
|
1
|
Deionized
Water
|
46.40
|
2
|
Carbopol®* Ultrez 20 Polymer या Carbopol®* Ultrez 21 Polymer
|
0.50
|
3
|
Glycerine
|
2
|
4
|
Denatured Alcohol
|
50.00
|
5
|
Triethanolamine
|
0.80
|
6
|
Triclosan
|
0.30
|
इस फार्मूले
में अतिरिक्त कीटाणुनाशन के लिये Triclosan शामिल किया गया है। Triclosan को एल्कॉहल में घोलें फिर जल में मिलाएँ।