ऊन (Wool) और रेशम (Silk) मनुष्य के बालों के समान प्रोटीन फाइबर (Protein
Fibres) होते हैं। इनका निर्माण जीवधारियों के शरीर के प्रोटीन से होता है।
प्रोटीन फाइबर की स्वाभाविक pH 5-5.5
होती है और ये इसी pH के आसपास सुरक्षित रहते हैं। अधिक pH पर ये रेशे
विघटित (degrade) होने लगते हैं जिससे सिकुड़ना, रूँआ उठना और चमक समाप्त
होना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिये इनसे बने कपड़ों को धोने के लिये
विशेष डिटरजेंट बनाये जाते हैं। साधारण डिटर्जेंट्स की pH 10-11 होती है,
इसलिये ये ऊनी व रेशमी कपड़े धोने के लिये उपयुक्त नहीं होते। साधारण
डिटर्जेंट्स में आजकल एन्जाइम भी मिलाये जाते हैं जो प्रोटीन रेशों को हानि
पहुँचाते हैं। यदि ऊनी व रेशमी कपड़ों को धोने वाला विशेष डिटर्जेंट
उपलब्ध न हो तो बालों को धोने वाला कोई अच्छा शैम्पू प्रयोग में लाया जा
सकता है, क्योंकि शैम्पू की pH भी 5-5.5 होती है। ऊनी व रेशमी वस्त्रों को
धोते समय तापमान भी 30oC से अधिक न रखें। ऊनी व रेशमी वस्त्रों की धुलाई
में ब्लीच (Bleach) का प्रयोग भी नहीं करना चाहिये। ब्लीचींग एजेंट्स भी
प्रोटीन फाइबर्स को हानि पहुँचाते हैं।
2 comments:
Sir kripya apna mobile no den tatha sodium di-chromate ke vishay me kuch bataen
क्षमा चाहूँगा, बहुत दिनों के बाद ब्लाग खोला है। sodium di-chromate के विषय में आप क्या जानना चाहते हैं? फोन नम्बर है 9425756046
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